दुनिया के हर रिश्तों में अजूबा है माँ का रिश्ता, जो निःस्वार्थ भाव से जुड़ा होता है अपने बच्चों के साथ. गंगा सी पावन हृदय मेरी माँ, माँ आप से ही दुनिया थी, अब तो बस एक नीरस सी बेजान जिंदगी.. माँ के चरणों में कोटि कोटि नमन.. 🙏 🙏 माँ के नवमे पुण्यतिथि पर..