माँ की दुआएँ ढ़ाल बन जाती हैं
जब भी मेरी जिंदगीं में मुश्किलात आती हैं !!
यूँ तो अपने बहुत हैं कहने को माँ ,
पर तुमसा अपनापन किसी में नहीं है !!
तुम्हारी डांट में भी कितना प्यार छुपा था माँ ,
माँ बनकर ही तेरा वो प्यार अब समझ आया !!
बात बात पर रूठ जाया करते और तुम पल में मना लिया करती ,
वो रुठना मनाना आज फिर से बहुत याद आया माँ !!
सारे भाव अलग अलग परिस्थितियों में माँ की अहमियत का अहसास कराते हैं और माँ की यादों को अनमोल बनाते हैं !